मार्च से मई के बीच लगातार उडीसा जाना होता रहा। देश के इस भूभाग की अपनी खूबसूरती है और इसके अपने दुःख। अभाव और गरीबी का तांडव जितना वहां है शायद और कहीं नहीं । पर कलिंग प्रदेश अपनी तरह की एक अजीब सुन्दरता समेटे हुए है। क्या पता ये चित्र हमारे देश के एक बेहद सम्भावना भरे राज्य के भविष्य की और संकेत करते हों ! कालाहांडी का चेहरा भी अब बदल रहा है ! एक ज़माने में यह अपनी दरिद्रता के लिए इतना कुख्यात था की बस पूछिए मत! माओवाद यहाँ की एक और समस्या है : यह जितनी राजनैतिक है, उस से ज्यादा आर्थिक-सामाजिक, पर इधर नए केंद्रीय कानून से क्या पता उडीसा को भी जल्दी छुटकारा मिल जाए और यहाँ के सीधे भले लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ जायें!
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